मनोनीत पार्षद जसवंत पंवार सैनी
……..अगर संगठन ने संवारा तो फरीदाबाद में बड़ा वैकल्पिक चेहरा जसवंत के रूप में भाजपा को मिला
(ashoksharma@hellohind.in)
चंडीगढ़/फरीदाबाद। अशोक शर्मा
….देर आए दुरुस्त आए।। यह कहावत वहां सटीक बैठती है, जब कोई काम बेहतर हो जाए। लेकिन समय बलवान है, जो जब होना है, तभी होगा। ऐसा ही कुछ हुआ फरीदाबाद की राजनीति में। 11 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के सुझाव पर हरियाणा सरकार ने छात्र युवा नेता जसवंत पंवार सैनी को फरीदाबाद नगर निगम में पार्षद मनोनीत किया है। इस नियुक्ति से हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के युवाओ को राजनीति में आने का आह्वान को मजबूत किया है। युवा जसवंत संघर्षशील नेता है। जिसने अपने सामाजिक कार्यो और छात्रो के लिए संघर्ष से कांग्रेस और भाजपा से इतर अपनी पहचान बनाई। जसवंत के जुझारूपन ने सभी राजनीति दलो को प्रभावित किया है, लेकिन किसी के चंगुल में फंसने से वो बचते रहे। इस बीच उनके संघर्ष को वामदलो ने कई बार लपकने का असफल प्रयास किया। लेकिन जसवंत ने अपनी संस्कृति और मूल्यों से समझौता नहीं किया। गांव का ठेठपन को वह जिंदा रखना और उसी के साथ जीना चाहते हैं।
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जिले के अधिकांश इलाकों में किया पौधारोपण
युवा नेता जसवंत सैनी ने जिले के अधिकांश इलाकों में पौधारोपण किया। और सांसे हो रही कम पेड़ लगाए हम।। के वाक्य को जुनून के साथ प्रतिवर्ष पूर्ण किया। कोरोना काल में जब विभिन्न संगठन मानव सेवा में लगे थे, उस समय जसवंत अपने खेतो से सब्जियों को लेकर अरावली वन्य जीव जंतुओं को भोजन दे रहे थे। उनके सामाजिक कार्यो ने प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभावित किया। जसवंत सांसे फाउंडेशन और युवा आगाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष है।
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भाजपा में हुआ था जसवंत को लेकर मंथन
वर्ष 2019 के चुनाव से पहले निवर्तमान जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा के कार्यकाल में जसवंत के जुझारूपन को देखते हुए भाजपा मे मंथन हुआ था। गोपाल शर्मा चाहते थे कि जसवंत भाजपा में शामिल हो जाए। लेकिन पार्टी में कुछ विरोध के बाद मामला आगे नहीं बढ़ा। लेकिन नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने से जहां जसवंत के व्यवहार में भी बदलाव दिखे और भाजपा नेताओं से उनकी नजदीकिया बढ़ने लगी। अंतत: हरियाणा सरकार ने उन्हें नगर निगम में पार्षद मनोनीत किया है।
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चुनावी राजनीति के लिए फरीदाबाद भाजपा को पिछड़े वर्ग का नया चेहरा
भाजपा की राजनीति के जानकारों की माने तो चुनावी राजनीति के लिए फरीदाबाद भाजपा को पिछड़े वर्ग का नया चेहरा जसवंत सैनी के रूप में मिल गया है। इसके लिए शर्त इतनी सी है कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रशिक्षण की भटटी में इस युवा को तपा दिया गया और जसवंत ने आरएसएस-भाजपा के अनुशासन में रहकर काम किया तो भाजपा को एक बार फिर अगले 30-40 साल के लिए फरीदाबाद में पिछडे वर्ग का बड़ा चेहरा मिल जाएगा।
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पुलिस की लाठियों से मिली जसवंत को छात्र नेता के रूप में पहचान
वर्ष-2013 से 2019 तक एक दो बार नहीं बल्कि दर्जनो पर जसवंत पंवार को अपनी पीठ पर पुलिस की लाठिया झेलनी पड़ी। छात्रों की समस्याओ के लिए आए दिन सेक्टर-16 स्थित राजकीय महाविद्यालय में धरना-प्रदर्शन करना जैसे नियति हो गई। आरएसएस-भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और कांग्रेस के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ से जुड़े छात्रों पर जहां पुलिस का रवैया नरम रहता था, वहीं जसवंत सैनी को समाज का कमजोर वर्ग का युवा समझकर और किसी राष्ट्रीय संगठन से जुड़ा नहीं होने के कारण पुलिस द्वारा प्रताडित किया जाता था और कमर पर लाठिया खानी पड़ती थी, कई बार पुलिस की लाठियो से घायल हुआ और कई बार अस्पताल में लंबे समय तक रहना पड़ा। वर्ष 2018 में छात्रो का आंदोलन कई बार उग्र हुआ। एबीवीपी और एनएसयूआई से जुड़े छात्र कई बार प्रदर्शन करते थे, लेकिन जसवंत सैनी ने इन दोनों संगठनों से अलग अपनी पहचान बनाई। युवा आगाज नामक संगठन का गठन किया और सभी कॉलेजों में राष्ट्रीय संगठनो से कही अधिक मजबूत युवा आगाज संगठन को किया।
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जीवन साथी के जीवन में प्रवेश के साथ ही बदली किस्मत
ज्योतिषाचार्य पंडित केके शास्त्री बताते है कि सनातन धर्म में माना जाता है कि जीवन में किसी नए का प्रवेश जीवन पर असर डालता है। इसलिए
हर व्यक्ति अपने भविष्य के जीवनसाथी को लेकर उत्सुक होता है। क्या सामंजस्य और अनुकूलता रहेगी? वैदिक ज्योतिष कुंडली और ग्रह स्थितियों का विश्लेषण करता है। बीते वर्ष 18 नवंबर 2024 को जसवंत आयुष्मति प्रतिभा के साथ परिणय सूत्र में बंधे। और मानना है कि नवजीवन की शुरुआत के साथ ही जसवंत के भाग्य और समय ने भी करवट ली है।
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