मुख्यमंत्री के पहुंचने के बाद पूर्णाहूति के साथ पांच दिवसीय 18वां ब्रह्मोत्सव संपूर्ण

Spread the love

मुख्यमंत्री के पहुंचने के बाद पूर्णाहूति के साथ पांच दिवसीय 18वां ब्रह्मोत्सव संपूर्ण

 

….जहां बिगड़ी सबकी बनती इस दिव्यधाम दरबार की सिद्धदाता दरबार की जय बोला

….भगवान श्रीलक्ष्मीनारायण की रथयात्रा में झूमे श्रद्धालुगण

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता।

सूरजकुंड मार्ग स्थित श्रीलक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में चल रहे पांच दिवसीय ब्रह्मोत्सव में रविवार देर रात मुख्यमंत्री नायबसिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के पहुंचे। और पूर्णाहूति के साथ पांच दिवसीय 18वां ब्रह्मोत्सव संपूर्ण हो गया।

आह्वान पर भगवान नारायण गर्भगृह से बाहर आए और शोभायात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा में महिला श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा और श्रीरामानुज संप्रदाय के चिह्न वाले झंडों के साथ शोभायात्रा में श्रद्धालुगण शामिल हुए। श्रीलक्ष्मीनारायण दिव्यधाम के सभी मंडपों में स्थापित देव विग्रहों की उत्सव मूर्तियों के साथ शोभायात्रा निकाली गई।

युवा आचार्य स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में तैयार की गई शोभायात्रा की व्यवस्था से भगवान के रथ पर श्रीरामानुज संप्रदाय की इंद्रप्रस्थ पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज केंद्र में रहे और उनके सान्निध्यम में श्रद्धालुगण भी इस आध्यात्म की मस्ती में झूमते रहे। श्रद्धालुओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का खूब आनन्द लिया। शोभायात्रा संपूर्ण होने के बाद अपने प्रवचन में स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि श्रद्धालुओं की आस्था और समपर्ण से ही उनके मनोरथ पूर्ण होते हैं। श्रीसिद्धदाता धाम में जो आया वो खाली हाथ नहीं गया। उन्होंने कहा कि सिद्धों को भी देने वाले का नाम सिद्धदाता है। यह सिद्धदाता का निवास ही सिद्धदाता आश्रम है। यहां जो जिस भाव से आता है, उसी भाव से उसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। यहां आने वाले को मुक्ति की चिंता नहीं करनी चाहिए। क्योंकि हमारे भाष्यकार रामानुज स्वामी ने भगवान श्रीमन नारायण से इस बारे में वचन लिया हुआ है। यहां अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी लोगों का मन मोह लिया। देर रात तक आध्यात्मिक कार्यक्रम जारी रहे।

—————–

 

देश-समाज की सुरक्षा के लिए किया गया सुदर्शन यज्ञ

श्रीलक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में चल रहे पांच दिवसीय 18वें ब्रह्मोत्सव के दूसरे दिन रामानुज संप्रदाय की इंद्रप्रस्थ पीठ के पीठाधीश्वा जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज के सान्निध्य में देश-समाज की सुरक्षा के लिए सुदर्शन यज्ञ किया गया। दक्षिण भारत से आए विद्वानों ने विधिवत यज्ञ संपन्न करवाया। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने यज्ञ में आहुति डालकर लोक कल्याण के लिए प्रार्थना की।

श्रीरामानुज संप्रदाय के प्रमुख क्षेत्र श्रीसिद्धदाता आश्रम एवं लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में हर साल होने वाले ब्रह्मोत्सव सैंकड़ो की संख्या में देश विदेश से श्रद्धालुगण जुटे हैं। दक्षिण शैली में होने वाले पूजन को निहारना भी श्रद्धालुओं के लिए एक अनोखा अनुभव है। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने बताया कि यहां पांच दिनों तक चलने वाले ब्रह्मोत्सव से भक्तों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सुदर्शन यज्ञ में गुरुकुल के छात्रों ने भी भागीदारी की। पुजारियों को चंदन से अभिषेक किया गया और ठंडा करने के लिए गुलाब जल से छिडक़ा गया, क्योंकि वे पवित्र अग्नि के करीब बैठे । वहीं यज्ञ कुंड या अग्नि स्थान को फलों, फूलों और शुभ रंगोली से सजाया गया था। पुजारियों ने श्रीसूक्त, पुरुष सूक्त, सुदर्शन मंत्र और सुदर्शन अष्टोत्तर शत नाम का पाठ किया वहीं यज्ञशाला में चार अलग अलग स्थानों पर बैठकर चतुस्र्थानमार्चना भी की गई।

————

देश-विदेश के श्रद्धालुओ ने शिरकत की

भगवान का ब्रह्मोत्सव वैकुंठवासी श्रीमद् जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज जी के दिव्य मंगलाशासन से आयोजित पांच दिवसीय ब्रह्मोत्सव में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ भागीदारी की। आयोजन में बंचारी के नगाड़े समेत दक्षिण भारतीय शास्त्रीय संगीत के वाद्य यंत्रों पर श्रद्धालुगण मंत्रमुग्ध रहे। विद्वानों द्वारा किए गए पुराण व गीता के श्लोकों के मंत्रोच्चारण से दिव्यधाम का वातावरण बेहद श्रद्धा और भावुकता पूर्ण हो गया। भाष्यकार रामानुजाचार्य स्वामी की जयंती मनाई गई। उनका अभिषेक व शोभायात्रा निकाली गई।श्रीलक्ष्मीनारायण भगवान का विवाहोत्सव और देव विग्रहों का अभिषेक करने के बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *