हिन्दू समाज की कुरीतियो को दूर करने के लिए हिन्दू एकता वाहिनी का गठन
देश भर में हनुमान चालीसा के माध्यम से रामराज्य की कल्पना को साकार करने का हिन्दू एकता वाहिनी का संकल्प
-हिन्दू समाज की कुरीतियो को दूर करने के लिए हिन्दू एकता वाहिनी का गठन
-फरीदाबाद के हुकुम सिंह भाटी बने पहले राष्टीयाध्यक्ष
-दिल्ली में आयोजित प्रथम राष्टीय कार्यकारिणी बैठक में 16 राज्यो में वाहिनी का गठन
नई दिल्ली। हैलो हिंद न्यूज
वर्ष 2047 तक विकसित भारत और देश में रामराज्य की कल्पना को साकार करने के लिए देश भर में हनुमान चालीसा के माध्यम से हिन्दू समाज की कुरीतियों को समाप्त करने का जनजागरण अभियान हिन्दू एकता वाहिनी का गठन किया गया। दिल्ली में पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित संस्कार भारती के सभागार में आयोजित हिन्दू एकता वाहिनी प्रथम राष्टीय कार्यकारिणी बैठक में फरीदाबाद निवासी हरियाणा में द हरियाणा स्टेट कॉपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड(हरको बैंक) के चेयरमैन हुकुम सिंह भाटी को वाहिनी का प्रथम संस्थापक राष्टीयाध्यक्ष चुना गया। साथ ही देश के विभिन्न 16 राज्यो में वाहिनी का गठन किया गया।

इस मौके पर हुकुम सिंह भाटी ने कहा कि भारत को पुनः तेजस्वी और समृद्ध समर्थ बनाने के लिए सनातन जनजागरण आवश्यक है। वाहिनी से जुड़े कार्यकर्ता अपने जीवन को स्वाध्याययज्ञ, सेवायज्ञ और लोकजागरणयज्ञ में परिवर्तित करने का संकल्प लेकर इसमें जुटेंगे। यह कार्य अत्यंत विलक्षण है और इसी से सनातन राष्ट्र के अभ्युदय का मार्ग प्रशस्त होगा। यदि भारत को समर्थ राष्ट्र बनाना है, तो सनातन धर्म के मूलभूत सिद्धांतों की पुनर्स्थापना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि भारत की शक्ति से ही विश्व में समता, बंधुता और सच्ची स्वतंत्रता टिक सकती है। इसलिए यह कार्य किसी व्यक्ति या संस्था का नहीं, अपितु धर्म और राष्ट्र का कार्य है। और इसलिए यह प्रत्यक्ष भगवान का कार्य है। अतः धर्मप्रेमी, राष्ट्रनिष्ठ कार्यकर्ता, अलग-अलग स्थान पर मंगलवार को एक नियमित समय पर हनुमान चालिसा का पाठ करेंगे। इसके लिए वाहिनी की राष्टीय धर्म अभियान समिति गांव, मौहल्लो और कॉलोनियों में इस अभियान को शुरू करे। साथ ही जल ही जीवन के भाव के प्रति जागरण हेतू जलसंरक्षण कमेटियों का गठन किया जाएगा। इस मौके पर हरियाणा से पीयूष मेहता, सुरेंद्र मेहता, भगवान सिहं, विकास बिश्नोई, सोमेश, राहुल राणा, सुरेश चौधरी, बिजेंद्र शर्मा, दिल्ली से सुनील खत्री, डॉ. दुष्यंत शर्मा, गीता, मुकेश गुप्ता, उत्तराखंड से चंद्रमोहन पांडेय, तमिलनाडू से अधिवक्ता एसवीएल जय कुमार, राजस्थान से रामप्रकाश गोदारा, प्रदीप कुमार, जम्मू-कश्मीर से सुनीता रैना,चंडीगढ़ से ऋषिपाल राणा,उत्तर-प्रदेश मेरठ ए. चौधरी और नटवरसिंह आदि ने संस्था के गठन की आवश्यकताओं पर अपने विचार रखे।


