सुंदरकांड का पाठ करते हुए श्रद्धालुओं के बहे अश्रु

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…कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि मुद्रिका डारि तब।।

-सुंदरकांड का पाठ करते हुए श्रद्धालुओं के बहे अश्रु

फरीदाबाद। हैलो हिंद न्यूज

(ashoksharma@hellohind.in)

…कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि मुद्रिका डारि तब।। जनु असोक अंगार दीन्ह हरषि उठि कर गहेउ॥ भावार्थ:-तब हनुमान्‌जी ने हदय में विचार कर (सीताजी के सामने) अँगूठी डाल दी, मानो अशोक ने अंगारा दे दिया। सुंदरकांड में हनुमान जी ने माता सीता को प्रभु श्री राम का संदेश सुनाते हुए, “रघुपति कर संदेसु अब सुनु जननी धरि धीर” जैसी चौपाई सीता माता को प्रभु राम की याद आई और उन्होंने हनुमान जी को अपना सच्चा सेवक माना। इन चौपाईयों को गाते हुए श्रद्धालुओं के आंसू बहने लगे। मौका था सेक्टर-2 में हरियाणा हरको बैंक के चेयरमैन ठाकुर हुकुमसिंह भाटी द्वारा आयोजित संगीतमयी सुंदरकांड के पाठ का।

सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। हे रघुनाथजी में सत्य कहता हूँ और फिर आप सबके अंतरात्मा ही है (सब जानते ही है) कि मेरे हृदय में दूसरी कोई इच्छा नहीं है। आयोजन स्थल पर ध्वनि और प्रकाश व्यवस्था की गई। साथ ही श्रद्धालुओं के बैठने और प्रसाद और जल की व्यवस्था भी चेयरमैन की तरफ से की गई। यह आयोजन एक सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम के रूप में संपन्न हुआ। सुंदरकांड, हिंदू महाकाव्य रामायण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गायकों ने भक्ति और विश्वास की भावना की ऐसी गंगा बाही कि श्रोताओं के आंखू बहते रहे। सुंदरकांड का पाठ करने से श्रद्धालुओं के जीवन में शांति, सुख और समृद्धि की भावना प्रवल हुई। जिससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति और विश्वास को बढ़ावा देने में मदद की कामना की गई। इसके अलावा भ्ज्ञुदत्त कॉलोनी में हनुमान चालीसा का आयोजन किया गया।

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