सुंदरकांड का पाठ करते हुए श्रद्धालुओं के बहे अश्रु
…कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि मुद्रिका डारि तब।। -सुंदरकांड का पाठ करते हुए श्रद्धालुओं के बहे अश्रु फरीदाबाद। हैलो हिंद न्यूज (ashoksharma@hellohind.in) …कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि मुद्रिका डारि तब।। जनु असोक अंगार दीन्ह हरषि उठि कर गहेउ॥ भावार्थ:-तब हनुमान्जी ने हदय में विचार कर (सीताजी के सामने) अँगूठी डाल दी, मानो अशोक ने अंगारा दे दिया।…


