
फरीदाबाद। हैलो हिंद न्यूज
विश्व जल दिवस के अवसर पर बल्लभगढ़ स्थित बालाजी फार्मेसी कॉलेज में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा “जल मंथन” एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जल मंथन विषय पर आयोजित किए गए इस राष्ट्रीय सम्मेलन में जल क्रांतिकारी बने पदमश्री उमाशंकर पांडे ने जल की बर्बादी पर चिंता व्यक्त की।
विश्व जल दिवस के इस मंथन में बतौर मुख्यातिथि पदम श्री उमाशंकर पांडे ने कहा कि हमने जल का दुरुपयोग किया है और परिणाम स्वरूप आज ₹20 से ₹1000 की पानी की बोतल खरीदने पर मजबूर है। कल तो हमने नहीं देखा परंतु आज भी जल संकट से जूझ रहे हैं। हमे जल संचयन की आदत डालनी होगी। न्यूनतम जल उपयोग की शैली बनानी होगी। और जल का सम्मान करना सीखना और सिखाना होगा। इसलिए आज पानी की पाठशाला चाहिए। जहां हम सब पानी का उपयोग सीख सके। पानी के विश्वविद्यालय की आवश्यकता है। जब तक जल क्रांति नहीं बनेगी, तब तक भारत विश्व गुरु नहीं बन सकेगा।
सम्मेलन या सम्मान समारोह के संयोजक ग्रीन इंडिया फाइनल फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ जगदीश चौधरी ने कहा कि विश्व जल दिवस हमारे संकल्प का दिन है। भारतवर्ष में जल के प्रति सम्मान कम हुआ है। अब हम डार्क जोन में है। नदियां तालाब गंदे हैं। सबसे पहले अपने मन को स्वच्छंद करें और अपनी पुरानी जल परंपराओं में आदतों को शुरू करके जल संचय की दिशा में आगे बढ़े। सम्मान समारोह में दिल्ली से हरपाल राणा, संजय मौर्य, अशोक उपाध्याय, रघुराज प्रताप सिंह, राधिका, भगत सिंह, जितेंद्र नगर, राकेश मथानी, जगदीश सागर, दीवान सिंह व अनिल कुमार सम्मानित हुए। उत्तर प्रदेश से सत्यपाल मलिक, आशीष शर्मा, अवधेश तिवारी, डॉ. प्रशांत सिंह, नीरज जैन, विनय खरे, अरविंद कुशवाहा, शैली अग्रवाल, डीके राय, प्रताप सिंह, ईश्वर सिहं, जय श्रीवास्तव, हरियाणा से डॉ. शिव सिंह रावत, रामकुमार बघेल, प्रोफेसर रविंद्र गुप्ता, अभय सिंह आदि मौजूद रहे।


