
फरीदाबाद। अशोक शर्मा
रहबर-ए-आजम सर छोटूराम और ताऊ देवीलाल के विचार की राजनीति करने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला का पार्थिव शरीर शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गया।
सिरसा जिले के तेजा खेड़ा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण समेत कई अन्य नेताओं ने शनिवार को यहां तेजा खेड़ा गांव में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि दी और उनके पुत्र अजय चौटाला, अभय चौटाला समेत परिजनो के प्रति सांत्वना प्रकट की।
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हरियाणा की मिटटी से प्रेम
पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का हरियाणा की मिटटी से प्रेम उनके व्यवहार में दिखाई पड़ता था। जिसके चलते चौटाला हरियाणा की राजनीति का स्तंभ बने रहे। वे प्रदेश की राजनीति में कार्यकर्ताओं के बीच काफ़ी लोकप्रिय रहे हैं। ओम प्रकाश चौटाला को हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा करने वाला नेता भी माना जाता रहा। वह अक्सर अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाते रहे। जींद उनकी राजनीतिक कर्मभूमि रही है। हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ने के अलावा वह जींद ज़िले की नरवाना विधानसभा सीट से विधायक बनकर मुख्यमंत्री भी बने और उन्होंने जींद ज़िले की उचाना विधानसभा सीट से भी विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया।
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राजनीति के कारण परिवार टूटने का दर्द बना रहा
ओमप्रकाश चौटाला अंतिम समय तक अपनी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)के सुप्रीमो रहे। पार्टी को ज़िंदा रखने के लिए अपने परिवार को एकजुट रखने का उन्होंने हर संभव प्रयास किया। कई मौकों पर उनका यह दर्द छलका भी और अपने पोते दिग्विजय सिंह चौटाला के विवाह समारोह में भी नहीं गए।
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चौटाला पांच बार हरियाणा के सीएम बने.
-दो दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे. वे 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे।
-12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था।
-22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला।
-24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला।
-दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने।
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